विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की 48वीं सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दावोस, स्विट्ज़रलैंड पहुँच गए. प्रधानमंत्री की अगुवाई में अब तक का सबसे बड़ा भारतीय प्रतिनिधिमंडल दावोस पहुँचा है. सम्मलेन में 120 देशों के नेता दुनिया में राजनीतिक, आर्थिक और सामजिक चुनौती पर चर्चा करेंगे. इस साल बैठक का विषय (theme) “विभाजित दुनिया में, साझा भविष्य का सृजन/Creating a Shared Future in a Fractured World.” है. सम्मलेन में करीब 3000 वैश्विक नेता, राष्ट्र प्रमुख, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कलाकार हिस्सा ले रहे हैं. दावोस सम्मलेन में कला, विशेष प्रदर्शनी और संगीत प्रस्तुतियाँ भी होंगी.
पिछले 20 वर्षों में नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे. 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी. देवगोड़ा इस बैठक में शामिल हुए थे. विश्व आर्थिक फोरम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन-भाषण से होगी और ऐसा पहली बार हो रहा है जब इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में भारत का प्रधानमन्त्री उद्घाटन-भाषण दे रहा है.
विश्व आर्थिक फोरम 2018 : Important Highlights
- इस कार्यक्रम में 20 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री शिरकत कर रहा है.
- चार दिन के इस सम्मलेन में भारत दुनिया को समझाने की कोशिश करेगा कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर है.
- इसमें दुनिया के करीब 60 बड़े उद्योगपति और कारोबारी हिस्सा लेंगे जिनमें 20 भारतीय हैं.
- इसमें निवेश, व्यापार बढ़ाने और नए उद्योग लगाने जैसे मुद्दों पर बात हो सकती है.
विश्व आर्थिक मंच क्या है?
- विश्व आर्थिक मंच एक गैर-लाभकारी वैश्विक संस्था है जिसका गठन 1971 में हुआ था.
- इसकी स्थापना यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्लॉस एम. श्वाब (Klaus Schwab) ने की थी.
- 1987 में इसका नाम बदलकर World Economic Forum कर दिया गया.
- इसका मुख्यालय जिनेवा में है.
- इसके अलावा टोकियो, न्यूयॉर्क, बीजिंग में इसका कार्यालय है.
- इसकी बैठक हर साल जनवरी महीने में होती है.
- फाउंडेशन बोर्ड फोरम, अतर्राष्ट्रीय बिज़नेस कौंसिल और मैनेजिंग बोर्ड इसका सामान्य कामकाज और प्रशासन संभालते हैं.
- 2015 में इसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन के तौर पर मान्यता दी गई.
- शुरूआती दौर में इस बैठक में सिर्फ व्यापार पर ही बात होती थी पर अब इस बैठक में दुनिया-भर के बड़े नेता, अंतर्राष्ट्रीय कारोबारी, बुद्धिजीवी और पत्रकार शामिल होते हैं.
- इस दौरान औपचारिक बैठक और अनौपचारिक बातचीत के जरिये दुनिया भर की समस्याओं का हल निकालने की कोशिश की जाती है.
WEF क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- विश्व आर्थिक मंच की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्रीस और तुर्की ने 1988 में यहाँ पर आपसी युद्ध टालने का ऐलान किया था.
- 1992 में दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति डी.क्लार्क और रंगभेदी आन्दोलन के नेता नेल्सन मंडेला के बीच यहाँ बैठक हुई थी.
- 1994 में इजराइल और फ़लीस्तीन के बीच यहाँ आपसी सहमति से शान्ति का मसौदा पेश किया गया.
- इस समय दुनिया की करीब 1000 बड़ी कंपनियाँ इस संगठन के सदस्य हैं जबकि Top 100 world companies इसकी strategic हिस्सेदार हैं. इसकी सदस्यता के लिए उन कंपनियों को चुना जाता है जो अपने क्षेत्र में अग्रणी हैं.
- 2002 में विश्व स्वास्थ्य पहल के अंतर्गत इस संस्था ने सार्वजनिक-निजी क्षेत्र के सहयोग से एड्स और टी.बी. जैसे बिमारियों को जड़ से उखाड़ने की पहल की थी.
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