इकनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (Economist Intelligence Unit – EIU) ने पिछले दिनों संसार के सबसे तेजी से बढ़ रहे नागरिक क्षेत्रों की सूची (world’s fastest-growing urban areas) बनाई है जिसमें भारत के भी तीन नगरों के नाम आये हैं.
नगरों को किस प्रकार रैंक दिया जाता है?
- यह सूची संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग (United Nations Population Division) के डाटा पर आधारित होती है.
- इस सूची में 2015 से लेकर 2020 के मध्य हुए परिवर्तन को आधार बनाकर नगरों की रैंकिंग हुई है.
- यह सूची दर्शाती है कि 2015 और 2020 के बीच शहरी क्षेत्रों (Urban agglomerations – UA) में जनसंख्या वृद्धि की दर क्या प्रत्याशित है.
मुख्य निष्कर्ष
- विश्व के 10 शीर्षस्थ तीव्रतम वृद्धि वाले नगरों में भारत के जो तीन नगर आये हैं, वे हैं – मलप्पुरम, कोझीकोड और कोल्लम.
- 2015-2020 के बीच 44.1% परिवर्तन के कारण मलप्पुरम को विश्व में सर्वोच्च स्थान मिला है. कोझीकोड में यह परिवर्तन 34.5% था, अतः वह चौथे स्थान पर है. कोल्लम में यह परिवर्तन 31.1% था, अतः वह 10वें स्थान पर रहा.
- इन नगरों को इतनी अच्छी रैंकिंग मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह रहा कि इनके UA के अन्दर नए-नए क्षेत्र लाये गये हैं.
- 2001 में मलप्पुरम में दो नगर निगम थे. 2011 आते-आते यहाँ नगर निगम की संख्या बढ़कर 4 हो गई और साथ ही 37 अतिरिक्त CTs भी मलप्पुरम में जोड़ दिए गये. इससे यह हुआ कि इस नगर UA की जनसंख्या 2015-20 की अवधि में 10 गुनी बढ़ गई अर्थात् 1,70,409 से बढ़कर 16,99,060 हो गई.
- इसी प्रकार कोल्लम में जहाँ 2001 में एक नगर निगम था वहीं 2011 में एक नगर निगम के अतिरिक्त एक नगर परिषद् और 23 CTs हो गये हैं. मूल कोल्लम नगर की जनसंख्या वास्तव में 4% घट गई, परन्तु इसके UA के विस्तार के कारण जनसंख्या में 130% की वृद्धि हो गई.
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