विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अंतर्गत अपीलीय निकाय (Appellate Body) में नए सदस्यों की नियुक्ति लम्बे समय से नहीं होने के कारण विवाद निपटारे की प्रणाली ध्वस्त होती हुई-सी प्रतीत हो रही है. इसी परिप्रेक्ष्य में पिछले सप्ताह नई दिल्ली में 20 विकासशील देशों की एक बैठक हुई जिसमें इस संकट के निवारण पर विचार-विमर्श किया गया.
उल्लेखनीय है कि यदि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो यह निकाय निष्क्रिय हो जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से सम्बंधित विवादों में उलझे देशों के हितों पर कुठाराघात होगा.
WTO का अपीलीय निकाय क्या है?
यह अपीलीय निकाय सात सदस्यों की एक स्थायी समिति है जिसकी स्थापना 1995 में हुई थी. इस निकाय में WTO सदस्यों के द्वारा लाये गये व्यापार से सम्बंधित विवादों पर किये गये न्याय-निर्णयों के विरुद्ध अपील सुनी जाती है. 1995 से अब तक इस निकाय के पास 500 विवाद आये जिसमें 350 मामलों में न्याय-निर्णय दिया गया. यह निकाय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के मामले में सर्वोच्च संस्था है.
इस संस्था के पास वे देश आते हैं जिन्हें लगता है कि WTO समझौते का उल्लंघन हुआ है. अपीलीय निकाय निम्नस्थ संस्थाओं द्वारा दिए गये निर्णयों को यथावत् रख सकता है अथवा उन्हें संशोधित कर सकता है अथवा आदेश को पलट सकता है.
अपीलीय निकाय के पूर्ण गठन में समस्या क्या है?
पिछले दो वर्षों से अपीलीय निकाय के सदस्यों की संख्या घटकर 3 रह गई है जबकि इसमें 7 सदस्य चाहिएँ. ऐसा इसलिए है कि अमेरिका समझता है कि WTO उससे भेदभाव करता है और इसलिए अमेरिका नए सदस्यों की नियुक्ति और पुराने सदस्यों की फिर से नियुक्ति में अड़चन डाल रहा है. स्थिति यह है कि आने वाले दिसम्बर में इसके दो सदस्य अपनी कार्यावधि पूरी कर लेंगे और उसके बाद इस निकाय में मात्र एक सदस्य रह जाएगा. विदित हो कि अपील की सुनवाई के लिए कम-से-कम 3 सदस्य होना आवश्यक है.
भारत पर इसका प्रभाव क्या होगा?
WTO अपीलीय निकाय का निष्क्रिय होना भारत के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि इस देश के द्वारा सामना किये जाने वाले विवादों की संख्या बढ़ती जा रही है, विशेषकर कृषि उत्पादों के मामलों में. पिछले चार महीनों में ही भारत के विरुद्ध WTO में चार वाद दायर किये गये हैं जिनमें भारत द्वारा चीनी और गन्ना उत्पादकों को समर्थन देने का आरोप लगाया गया है.
क्या किया जाए?
यद्यपि अपीलीय निकाय के लिए नियुक्ति WTO सदस्यों की सर्वसम्मति से होता है, परन्तु यदि सर्वसम्मति नहीं होती है तो मतदान का एक प्रावधान है. यदि चाहें तो 17 अल्प-विकसित और विकासशील देश मिलकर मतदान के लिए प्रस्ताव दे सकते हैं और बहुमत के आधार पर नए सदस्यों की नियुक्ति कर सकते हैं. परन्तु यह उपाय सफल हो जाएगा इसकी गारंटी नहीं है क्योंकि अमेरिका इस पर अपना वीटो दे सकता है.
Tags: WTO Dispute Settlement Mechanism – Objectives, How it operates? Issues associated and the need for reforms. What is the WTO’s Appellate Body, and why is it important?
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