भारत का उपराष्ट्रपति : Vice-President of India in Hindi

RuchiraIndian Constitution, Polity Notes

उपराष्ट्रपति

आज हम भारत के उपराष्ट्रपति के कार्यकाल, कार्य, वेतन, नियुक्ति, कृत्य तथा अधिकार के विषय में पढेंगे. उपराष्ट्रपति की सूची और उसके चुनाव के विषय में भी जानेंगे. अमेरिका के संविधान से प्रभावित होकर हमारे संविधान ने भी उपराष्ट्रपति (Vice-President) के पद की व्यवस्था की है. संविधान के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा. उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों की एक संयुक्त बैठक में गुप्त मतदान द्वारा एकल हस्तांतरणीय मतदान (single transferable vote – STV) द्वारा होता है. वही व्यक्ति उपराष्ट्रपति (Vice-President) के पद पर निर्वाचित हो सकता है जो —

क) भारत का नागरिक हो

ख) 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो

ग) राज्य सभा की सदस्यता की योग्यता रखता हो

घ) भारत सरकार या राज्य सरकारों के अधीन या उनमें किसी के द्वारा नियंत्रित किसी स्थानीय या अन्य अधिकारी के अधीन कोई लाभ का पद धारण नहीं करता हो. राष्ट्रपति, संघ के मंत्री, राज्यपाल तथा राज्यों के मंत्री लाभ का पद धारण किये हुए नहीं समझे जायेंगे.

उपराष्ट्रपति (Vice-President) संसद के किसी सदन या किसी राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होगा. यदि निर्वाचन के पूर्व वह सदस्य रहा हो, तो निर्वाचित होने की तिथि से उसकी सदस्यता का अंत हो जायेगा. उसका कार्यकाल 5 साल है, लेकिन इस अवधि के भीतर भी वह राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र देकर हट सकता है या राज्य सभा के सदस्यों द्वारा बहुमत से स्वीकृत प्रस्ताव के द्वारा, जिसे लोक सभा ने स्वीकार कर लिया हो, वह हटाया जा सकता है. लेकिन इसकी सूचना 14 दिन पूर्व देनी होगी. 1999 के एक अधिनियम के अनुसार vice-president को, जो राज्य सभा का सभापति होता है, 40,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा (जिसे अब बढ़ाकर 1,25,000 रु. कर दिया गया है).

उपराष्ट्रपति कृत्य तथा अधिकार

उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होता है, अतः उसे सभापति के सभी सामान्य अधिकार दिए जाते हैं. राज्य सभा में मतदान के समय दोनों पक्षों के बराबर मत होने उसे निर्णायक मतदान का अधिकार है. लेकिन, वह सामान्य सदस्यों की भाँति साधारणतया मतदान नहीं कर सकता.

इसके अतिरिक्त, जब राष्ट्रपति का पद किसी कारण से रिक्त हो, तब नए निर्वाचित राष्ट्रपति के पदग्रहण करने के पूर्व तक Vice-President ही राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है. जब राष्ट्रपति बीमारी या अनुपस्थिति या किसी अन्य कारण से अपना काम करने में असमर्थ हो, तब vice-president ही उसका कार्यभार संभालता है. उदाहरण के लिए, जुलाई 1961 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद  बीमार पड़ गए थे, तब उपराष्ट्रपति (Vice-President) ने ही उनका कार्यभार संभाला था. राष्ट्रपति के स्थानापन्न के रूप में कार्यकाल तक के लिए उपराष्ट्रपति को राष्टपति का ही वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाएँ मिलती हैं.

उपराष्ट्रपति की सूची

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]