भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों को वनीकरण के लिए CAMPA कोष से 47,436 करोड़ रु. निर्गत किये हैं. CAMPA क्या है? यह एक कोष है जिसकी स्थापना 2006 में क्षतिपूरक वनीकरण के प्रबंधन के लिए की गई थी. CAMPA का पूरा नाम है – Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority (क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण). पृष्ठभूमि 2002 में … Read More
राष्ट्रीय संसाधन कार्यक्षमता नीति – National Resource Efficiency Policy
राष्ट्रीय संसाधन कार्यक्षमता नीति (Draft National Resource Efficiency Policy – NREP) प्रारूप को लागू करने में हुई प्रगति को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस पर मन्तव्य मानने की समयसीमा को एक महीना बढ़ा दिया है. इस नीति का उद्देश्य संसाधनों के उपयोग को इस प्रकार कार्यक्षम बनाना है कि पर्यावरण पर न्यूनतम दुष्प्रभाव … Read More
सामुद्रिक ऊर्जा और उसके प्रकार एवं संभावनाएँ
रत सरकार ने सामुद्रिक ऊर्जा (ocean energy) को नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के रूप में घोषित करने से सम्बंधित एक प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस निर्णय के आलोक में सभी हितधारकों को स्पष्ट कर दिया है कि सामुद्रिक ऊर्जा के विभिन्न रूपों, जैसे – ज्वारीय, तरंगीय, समुद्री ताप ऊर्जा परिवर्तन आदि का … Read More
[Sansar Editorial] शीतलीकरण ने बढ़ा दिया है ग्लोबल वार्मिंग – जानिये कैसे?
पूरे संसार के लिए चौथा सबसे गरम वर्ष था. बढ़ती गर्मी के कारण अधिक से अधिक एयर कंडीशनर खरीदे जा रहे हैं. लोगों की आय भी बढ़ रही है और शहरीकरण भी तेजी से हो रहा है. इसलिए आशा की जाती है कि 2050 तक बाजार में 1.2 बिलियन से लेकर 4.5 एयर कंडीशनरों की माँग होगी. अकेले भारत में … Read More
ऊर्जा के स्रोत – नवीकरणीय और अनवीकरणीय (परंपरागत या गैर-पारम्परिक)
आज हम ऊर्जा के स्रोत (sources of energy) के बारे में पढेंगे जिन्हें दो भागों में NCERT किताब ने बाँटा है – नवीकरणीय (परम्परागत) और अनवीकरणीय (गैर-पारम्परिक). चूंकि आप लोग NCERT के पुजारी हैं इसलिए मैं NCERT में दिए गये विवरण के अनुसार ही आपको समझाऊंगा. मेरी मानें तो ऊर्जा के स्रोत को कुछ इस तरह विभाजित करना चाहिए था – पर … Read More
भारत की संकटग्रस्त पादप प्रजातियाँ और उनके आवास की स्थिति
हालाँकि देश में महत्त्वपूर्ण प्रयासों से आरक्षित और संरक्षित क्षेत्र का एक मजबूत और विस्तृत संजाल तैयार किया गया है, तथापि अभी भी संरक्षित स्थलों के बाहर बहुत-सी ऐसी अद्वितीय वनस्पतियाँ और पौधे हैं जो मानवीय क्रियाओं के भारी दबाव का सामना कर रहे हैं. उच्च संकटग्रस्त पादप और उनके स्थलों को संरक्षण और पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए कई … Read More
[Sansar Editorial] कुसुम योजना – “सोलर” कृषि से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
भारत में किसानों को सिंचाई में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और अल्प वर्षा के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो जाती हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि सिंचाई पम्प को डीजल से चलाया जाता है जो किसानों के लिए एक बहुत बड़ा खर्चा का घर है. किसानों को सिंचाई की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने व … Read More
बालू के अति-खनन की समस्या और इसका समाधान
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने हाल ही में बालू से सम्बंधित विश्व-भर के संसाधनों के पर्यावरण की दृष्टि से प्रशासन के लिए नए-नए समाधान खोजने के विषय में एक प्रतिवेदन निर्गत किया है. प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष विश्व-भर में बालू की खपत बढ़ती जा रही है. जितनी तेजी से हम बालू निकाल रहे हैं, उतनी तेजी से प्रकृति उसकी … Read More
जलवायु परिवर्तन से बंगाल टाइगर के अस्तित्व पर खतरा
Bengal tigers may not survive climate change संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिवेदन के अनुसार विश्व में लगभग पाँच लाख स्थलीय प्रजातियों के प्राकृतिक आवास पर खतरा होने के कारण उनका बच पाना प्रश्न के घेरे में आ गया है. प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष प्रमुख कारण : जलवायु परिवर्तन और समुद्र का उठता हुआ स्तर कई प्रजातियों के जीवन पर खतरा … Read More
[Sansar Editorial] भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का वर्तमान परिदृश्य
2018: Was renewable energy in power? The Hindu – January 02 भले ही वैश्विक रिपोर्टों में नवीकरणीय ऊर्जा निवेशों के सम्बन्ध में भारत की प्रगति की प्रशंसा की गई है, पर देखा जाए तो भारत के लिए ऊर्जा के हरित स्रोतों के मामले में वर्ष 2018 बहुत अच्छा नहीं रहा है. निवेशकों ने पाया कि नवीकरणीय ऊर्जा से उतनी बिजली … Read More