[Sansar Editorial] सरकार द्वारा छोटे किसानों के लिए किये जा रहे प्रयास

Sansar LochanSansar Editorial 2020

हमारा देश कृषि प्रधान है। यहाँ के कृषक छोटे किसान अथवा छोटी जोत के किसान हैं। इनकी जनसंख्या हमारे देश की जनसंख्या का लगभग 48% है और ये ही देशभर के अन्नकोष को भरने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सच मानिए तो यही एक कारण रहा है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम या एसेंसशियल कमोडिटी एक्ट (ईसीए) में संशोधन और कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 लाया गया है। इस अध्यादेश का उद्देश्य‍ ‘कृषक पहले’ की नीति पर चलते हुए कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर में वृद्धि लाना, विपणन श्रृंखला में विकल्प खोलना, एक राष्ट्रीय बाजार को सुदृढ़ करना, बुनियादी ढांचे में निवेश को आकर्षित करना, बाजार के संपर्क में वृद्धि लाना, और खाद्यान्न के स्टॉक प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।

देश के छोटे किसानों की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय तकरीबन पन्द्रह हजार रुपये है, जो राष्ट्रीय औसत का 1/5वाँ भाग है। इन किसानों के लिए कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) के बाजारों तक पहुँच पाना मुश्किल होता है। इसलिए ये अपनी उपज 50 कि.मी. के दायरे में रहने वाले अनौपचारिक बाजारों में ही बेचने को विवश हो जाते हैं। भौगोलिक दूरी इन कृषकों का आर्थिक प्रारब्ध बन जाती है। इसके अतिरिक्त इन कृषकों को एक विनियमित बाजार की आवश्यकता है, जो तरल हो, जहाँ भरोसे के लायक ग्राहक हों, हड़बड़ी में विक्रय से बचने के लिए सुरक्षित एवं सस्ती  भंडारण की सुविधा हो, गुणवत्ता प्रबंधन तकनीक और कार्यशील पूँजी विद्यमान हो।

नवीनतम सुधार इनमें से कई मांगों के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं। डिजिटल मंच हमेशा चालू रहते हैं। इससे ग्राहकों को खोजना सरल है। ये सूचना-विषमता को दूर करते हैं, बड़े लेन-देन को संभालते हैं, जोखिम-प्रबंधन, मौसम की जानकारी और फसल प्रबंधन जैसे महत्त्वपूर्ण सेवाओं को प्रदान करते हैं। यह सब किसानों को मोबाइल फोन के माध्यम से उपलब्ध हो सकता है।

इसलिए हाल ही में सरकार ने राज्यों से कृषि उत्पादन विपणन समितियों (APMC) को खत्म करने और eNAM के मंच पर आ जाने करने का आग्रह किया, जो एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जो वर्तमान APMC मंडियों को कृषि वस्तुओं के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए नेटवर्क करता है.

किसानों को गोदामों और कोल्ड भण्डार पर बिक्री की अनुमति देना, आवश्यक वस्तु अधिनियम में सुधार, खेतों के पास आधुनिक भंडारण की सुविधा का होना, स्टो‍रेज से स्टोरेज आधारित साख को आकर्षित करना (इसे फिनटेक ब्लॉकचेन और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस द्वारा सरल बनाया गया है), खुदरा विक्रेताओं, बड़े प्रोसेसर और समन्वित आधुनिक आपूर्ति श्रंखलाओं को आकर्षित करने के लिए भंडारण का विस्तार करना; दस हजार किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना के मिशन को लेकर चलना; कुछ ऐसे कदम हैं, जिनसे छोटे कृषक वर्ग को बाजार के लिए तैयार किया जा सकेगा।

APMC तंत्र से करीब 8 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। यदि APMC और डिजीटल बाजार एक साथ काम करने लगेंगे तो छोटे किसानों को और अधिक लाभ मिल सकता है।

Sansar Editorial 2020

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