जालियाँवाला बाग़ के हत्याकांड ने पंजाब सरकार की उग्रता को शांत न करके और अधिक प्रज्वलित कर दिया. 13 अप्रैल के हत्याकांड ने न केवल अमृतसर में बल्कि पंजाब के अन्य नगरों में भी भयानक आतंक फैला दिया था. फिर भी पंजाब लैफ्टिनेंट गवर्नर ने आवश्यक समझा कि अमृतसर में और अन्य कुछ स्थानों पर मार्शल लॉ अथवा सैनिक कानून लगा दिया जाए. … Read More
1857 से पूर्व के महत्त्वपूर्ण विद्रोह
आपने 1857 के विद्रोह के विषय में लिखे हुए हमारे पोस्ट को पढ़ा ही होगा. आज हम 1857 ई. से पूर्व हुए महत्त्वपूर्ण विद्रोहों की चर्चा करेंगे – संन्यासी विद्रोह 1770 इस संन्यासी विद्रोह का उल्लेख बंकिम चन्द्र चटर्जी ने अपने उपन्यास “आनंदमठ” में किया है. तीर्थ स्थानों पर लगे प्रतिबंधों से संन्यासी लोग बहुत क्षुब्ध हुए. संन्यासियों के बीच अन्याय के … Read More
गुरु नानक देव की संक्षिप्त जीवनी और शिक्षाएँ
आज हम गुरु नाना देव की जीवनी और उनके द्वारा दी गई अमृततुल्य शिक्षाओं के बारे में पढेंगे. चलिए पहले जानते हैं कि गुरु नानक जी का प्रारंभिक जीवन कैसा था. गुरु नानक का प्रारंभिक जीवन सिख धर्म के प्रणेता गुरु नानक देव रावी के तट पर स्थित तलवंडी (आधुनिक ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में नवम्बर 1469 ई. में एक खत्री … Read More
प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746-48 ई.) : कारण एवं परिणाम
प्रथम कर्नाटक युद्ध : भूमिका मुगलों के पतन के बाद राजनैतिक प्रभुत्व के लिए देशी शासकों के साथ-साथ विदेशी ताकतें भी संघर्षरत हो गयीं. देशी ताकतों में मुख्य रूप से मराठे थे तो विदेशी ताकतों में असली लड़ाई अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच थी. इन दोनों शक्तियों में प्रभुत्व का यह संघर्ष 60-70 साल चला और नेपोलियन के पतन के … Read More
शिवाजी की विजयें और प्रमुख सफलताएँ – List of Conquests
शिवाजी ने 1645-47 ई. के मध्य जिन तीन किलों पर अधिकार किया वे पहाड़ी दुर्ग थे. कुछ समय बाद (1656 ई. में) उन्होंने जावली (Jawali) पर विजय की. यह विजय शिवाजी के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण विजय थी. इस विजय के बाद – अब उनके लिए अपने राज्य को दक्षिण-पश्चिम में फैलाना आसान हो गया. यहाँ से प्राप्त सैनिक (मालवी सैनिक) … Read More
पूना सार्वजनिक सभा 1870 ई. के विषय में विस्तृत जानकारी
पूना सार्वजनिक सभा (मराठी – पुणे सार्वजनिक सभा) की स्थापना 2 अप्रैल, 1870 ई. को महादेव गोविंद रानडे ने की थी. पूना सार्वजनिक सभा सरकार और जनता के बीच मध्यस्थता कायम करने के लिए बनाई गई थी. भवनराव श्रीनिवास राव इस संस्था के प्रथम अध्यक्ष थे. बाल गंगाधर तिलक, गोपाल हरि देशमुख, महर्षि अण्णासाहेब पटवर्धन जैसे कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने इस संगठन के … Read More
बटलर समिति के बारे में जानें – Butler Committee 1927 in Hindi
प्रथम विश्वयुद्ध के समय में देशी शासकों ने ब्रिटिश सरकार की बहुमूल्य सहायता की थी. युद्ध के अंत होने पर भारत में उत्तरदायी शासन के विकास की योजना बनाई गई. फलतः देशी शासकों और ब्रिटिश सरकार के बीच के सम्बन्ध की व्याख्या करने और ब्रिटिश सार्वभौम सत्ता को पारिभाषित करने की जरूरत महसूस हुई. फलतः 1927 ई. में इसकी जाँच … Read More
ल्हासा की संधि – Treaty of Lhasa 1904 ई. in Hindi
आज हम ल्हासा की संधि (Treaty of Lhasa) के बारे में जानेंगे. यह कब हुआ, किनके बीच और किन परिस्थतियों (causes) में हुआ, इन सब के विषय में चर्चा करेंगे. भूमिका लॉर्ड कर्जन की तिब्बत सम्बन्धी नीति उसके वायसराय काल की एक महत्त्वपूर्ण घटना है. गवर्नर जनरल लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स के समय में ब्रिटिश सरकार तिब्बत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध … Read More
चित्तरंजन दास (1870-1925 ई.) Biography in Hindi
चित्तरंजन दास का प्रारम्भिक जीवन (Biography) बंगाल के इने-गिने प्रसिद्ध वकीलों में देशबन्धु चित्तरंजन दास का नाम था. उनका जन्म 1870 ई. में मुंशीगंज जिले, बांग्लादेश में हुआ था. उनके पिता का नाम भुवन मोहन दास और माता का नाम निस्तारिणी देवी था. इनका जन्म एक वैद्य-ब्राहमण परिवार में हुआ था. कांग्रेस के प्रति आकर्षण होने के बाद चित्तरंजन दास … Read More
पंडित मोतीलाल नेहरू (1861-1931) Biography in Hindi
मोतीलाल नेहरू का प्रारम्भिक जीवन पंडित मोतीलाल नेहरू का जन्म 6 मई, 1861 ई. को हुआ था. मोतीलाल नेहरू के पूर्वज कश्मीर से आकर इलाहाबाद में बस गए थे. मोतीलाल नेहरू उत्तर प्रदेश के एक प्रसिद्ध वकील थे. उन्होंने स्वदेशी आन्दोलन से आकृष्ट होकर राजनीति में प्रवेश किया. उन्होंने 1912 ई. में इन्डेपेंडेंट (Independent) नामक एक पत्र का प्रकाशन इलाहाबाद से … Read More